समाजसेवी के रूप में

समाजसेवी के रूप में

सामाजिक कार्यों में रूचि होने के कारण वे 23 वर्ष की आयु में अपने मित्रों के साथ मिलकर एक समाजसेवी संस्था "आरोहण फाउंडेशन" की स्थापना की जिसके माध्यम से उन्होंने शहर के गरीब एवं उपेक्षित बच्चों को मुफ्त में शिक्षित करना प्रारम्भ किया।वर्तमान समय में पिरामल फाउंडेशन से जुड़ कर राजस्थान में शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि एवं शिक्षा अधिकारीयों एवं संस्था प्रधानों में नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।